दिल के टुकड़े कई हुए, फिर भी चैन न आया।
खाये धोखे कई बार, फिर भी चैन न आया।
गिर गिर कर उठते रहे, उनसे मिलने की आस में तड़पते रहे।
वो ना आये, उनकी याद ने ही दिल को करार दिलाया।
दिल के टुकड़े कई हुए, फिर भी चैन न आया।
खाये धोखे कई बार, फिर भी चैन न आया।
गिर गिर कर उठते रहे, उनसे मिलने की आस में तड़पते रहे।
वो ना आये, उनकी याद ने ही दिल को करार दिलाया।
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