एक लम्हा

एक लम्हा 1

Ek Lamhaसांसो में मेरी बसे तुम।

तुमको कैसे भुला पाऊँगा॥

जुदाई तुम्हारी सहते रहे अब तलक।

लेकिन तुम्हारी यादों को कैसे मिटा पाऊँगा॥

मौत भी आ जाए मिलने मुझसे अगर।

तुम्हारे दीदार को एक लम्हा माँग लाऊँगा॥

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