उफ्फ! तेरे लबो पर खेलती ये मुस्कान।
गिरा देती है बिजलियां कई दिलो पर।
ज़माना कहता है तुझको कातिल।
लेकिन तेरी आँखों में तैरता समंदर कोई नहीं देखता।