मेरा दिन भी, मेरी रात भी।
मेरा रब भी, मेरी ईबादत भी।
मेरा पुराण भी, मेरी कुरान भी।
मेरा रास्ता भी, मेरी मंजिल भी।
मेरा जख़्म भी, मेरी दवा भी।
तुम ही हो, तुम ही तो हो।।