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Ved Prakash Sharma

कैदी न. 100 पकड़ने वाला वर्दी वाला गुंडा - वेद प्रकाश शर्मा

बचपन में चाचा चौधरी, बिल्लु-पिंकी, पराग, नंदन, लोटपोट, मधु मुस्कान आदि पढ़ते पढ़ते एस सी बेदी कृत ‘राजन इकबाल’ सीरिज के बाल उपन्यास पढने शुरु किये थे. तभी से क्राइम, मर्डर, जासुसी उपन्यासों की ओर झुकाव हो गया. उस समय क्राइम, मर्डर, जासुसी उपन्यास लिखने वाले कुछ प्रसिद्ध नाम थे वेद प्रकाश कम्बोज, कर्नल रंजीत,…

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लबों की लाली

तुम्हारे लबों की लाली , तुम्हारे गालों की सुर्खियां, तुम्हारे आँखों की नमी, तुम्हारे अश्कों की गर्माहट, तुम्हारी आवाज की लरज, कुछ भी तो नहीं बदला, बदला है तो सिर्फ… मेरे देखने का अंदाज़।।

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बाकी आज भी है…

सुखे दरख्त की गुमनाम छाँव सा। मेरी मुहब्बत का निशाँ बाकी आज भी है।। पुरानी किताब के पीले पन्नो सा। उसकी यादों का रंग मेरे वजूद पर आज भी है॥ बारिश से धुले कागज पर स्याही के निशाँ सा। उसका वो अक्स याद आज भी है॥ धुंध में लिपटे सुरज की गर्मी सा। उसकी साँसों…

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सब का साथ सबका विकास 2

सब का साथ सबका विकास

मोदी जी सारी योजना बंद कर दो। सिफ॔ सांसद भवन जैसी कैंटीन हर दस किलोमीटर पर खुलवा दो। 29 रूपये र्मे भर पेट खाना मिलेगा। सारे लफडे ख़त्म। 80% लोगो को घर चलाने का लफडा खतम। ना सिलेंडर लाना ना राशन और घर वाली भी खूश। चारो तरफ खुशियाँ ही रहेगी। फिर हम कहेंगे सब…

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बेवफा

दूरियां इतनी तो नहीं कि तुम्हे भूल जाऊँ। गम इतने तो नहीं कि हँसना भूल जाऊँ।। अब नज़रे उठती नहीं तेरे कूचे से गुजरते हुए। बेवफा इतना तो नहीं कि किसी और से प्यार कर पाऊँ।।

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भूल जाऊँ तुझे…

भूल जाऊँ तुझे कैसे। जिंदगी के हर लम्हे में तेरी याद जो है।। याद न कर पाऊं तुझे कैसे। साँसों के हर कतरे में तेरा नाम जो है।। सफर अधूरा छोड़ जाऊं कैसे। मंजिल न सही, रास्ते का सहारा तू जो है।। ग़मों में खो जाऊँ कैसे। अंधेरों में भी तेरी तस्वीर की लौ जो…

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