खामोशी से जी रहा हूं जिंदगी। कि इसमें तेरी यादों के सिवा अब कुछ नहीं।। ये नज़रे झुकी रहती हैं हमेशा। कि इनमें तेरे अक्स के सिवा कुछ नहीं।। इन लबों से नहीं निकलता कुछ भी। कि इन पर तेरे नाम के सिवा कुछ नहीं।।
कुछ नहीं
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खामोशी से जी रहा हूं जिंदगी। कि इसमें तेरी यादों के सिवा अब कुछ नहीं।। ये नज़रे झुकी रहती हैं हमेशा। कि इनमें तेरे अक्स के सिवा कुछ नहीं।। इन लबों से नहीं निकलता कुछ भी। कि इन पर तेरे नाम के सिवा कुछ नहीं।।