सर्दी की इन रातों में पहले तुम थी, अब तुम्हारी यादें हैं। वरना मेरे पास मय से बेवफाई की और कोई वजह नहीं।। हर रात ओढ़ के सो जाता हूं तेरी यादों की गर्माहट को। वरना मेरे पास आसमां से दूरी की और कोई वजह नहीं।। तन्हा इस जहां में पहले तुम थी,अब तुम्हारी यादें हैं। वरना मेरे पास मुस्कराने की और कोई वजह नहीं।।
कोई वजह नहीं
