तेरे नैनो का ये नशा मानो मदिरा का छलकता जाम।। तेरे चेहरे का ये नूर जैसे पूनम का चमकता चांद।। तेरी मेरी मुलाकात मानो मेरे हाथ की लकीरें।। कभी कभी सोचता हूं तुम हकीकत हो या एक ख्वाब।।
ख्वाब

तेरे नैनो का ये नशा मानो मदिरा का छलकता जाम।। तेरे चेहरे का ये नूर जैसे पूनम का चमकता चांद।। तेरी मेरी मुलाकात मानो मेरे हाथ की लकीरें।। कभी कभी सोचता हूं तुम हकीकत हो या एक ख्वाब।।