तुम पास नही तो क्या। आज ये जहां मेरा हुआ चाहता है।। आसमान में गरजती ये बिजली। जैसे मेरे हृदय की चीत्कार छुपा रही हैं।। ये झम झम बरसती बरखा। जैसे मेरे आंसू छुपा रही है।। इन अंधेरी रातों का सन्नाटा। मानो मुझे छुपा रहा है।। तुम पास नही तो क्या। आज ये जहां मेरा हुआ चाहता है।।
जहां
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