तुझ से बिछड़ा तो,
तेरी जुदाई ने जीना सिखाया मुझे।
जिंदा हूँ इस उम्मीद में,
कि तू सपनों में ही मिलती रहे।
नींद में यूँ ही मिलकर,
रोज़ प्यार के गीत गुनगुनाती रहे।
रूबरू ना होना तुम अब कभी,
क्योंकि ये नींद नहीं तेरे प्यार का नशा है।
अब तुझसे मिला,
तो फिर तेरी जुदाई का डर मार ना डाले।।
जुदाई
