तेरे खून से लिखे ये खत, ये आधी फटी तस्वीर जिसमे तुम नहीं हो, ये तेरी जलती चिता की आग। हमारे प्यार का पूर्ण विराम नही, हमेशा के लिए विदाई का पैगाम नही, बेवफा तुम भी नहीं और बेवफा मैं भी नहीं। इंतजार है अब कि कयामत हो, और फिर से तेरे पहलू की गर्माहट हो, जिंदगी नही तो मौत ही मिलन का पैगाम हो।
पैगाम
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