तेरी आँखो से बहता ये समंदर। छुप ना पाएगा तेरे लबों की मुस्कराहट से।। आ समा लूँ तुझे अपने आगोश में। मेरे दामन को भींगने की आदत सी है।।
लबों की मुस्कराहट

तेरी आँखो से बहता ये समंदर। छुप ना पाएगा तेरे लबों की मुस्कराहट से।। आ समा लूँ तुझे अपने आगोश में। मेरे दामन को भींगने की आदत सी है।।