रोक मत साकी…
तेरी नज़रो से छलकती मदिरा। रोक मत साकी मुझे आज पीने दे। तेरी साँसों की महकती खुशबु। रोक मत साकी आज मुझे मदहोश होने दे। भूल जाऊं ना उनकी याद तेरे आगोश में। रोक मत साकी आज मुझे दीवाना होने दे।
तेरी नज़रो से छलकती मदिरा। रोक मत साकी मुझे आज पीने दे। तेरी साँसों की महकती खुशबु। रोक मत साकी आज मुझे मदहोश होने दे। भूल जाऊं ना उनकी याद तेरे आगोश में। रोक मत साकी आज मुझे दीवाना होने दे।
जब से मैंने खुदा से मौत की ख्वाहिश की है। मेरी तन्हाई भी मुझसे ख़फ़ा ख़फा सी रहती है। महबूब के बाद तन्हाई ही मेरी हमसफर थी। जाने अब मौत आने तलक उम्र गुज़रेगी कैसे।
देख कर हमें उन्होंने मुँह मोड़ लिया। हमारी आवारगी को नकाब में ढक लिया। देख कर उन्हें हमने भी मुँह मोड़ लिया। उनकी दीवानगी को दिल में लिख लिया।
ए जिंदगी यूं ना भुला देना हमें कि ये शाम फिर आएगी। हम हो ना हो, दिल में हमारी याद फिर आएगी। जनाज़े पे मेरे यूँ ना आँसू बहाना कि सब तुम्हे दीवाना कहें। हम रहे ना रहे, हवाओ से हमारी खुशबू फिर आएगी।