फरियाद करें किससे
तुमने हमें मुकम्मल न होने दिया। तुम्हारी यादो ने हमें अकेला न होने दिया।। फरियाद करें किससे इस भीड़ में। मुहब्बत ने किसी को होश में रहने ना दिया।।
तुमने हमें मुकम्मल न होने दिया। तुम्हारी यादो ने हमें अकेला न होने दिया।। फरियाद करें किससे इस भीड़ में। मुहब्बत ने किसी को होश में रहने ना दिया।।
नदी के जिस किनारे मिले थे हम। दिल मेरा वहीं आज भी है।। गम नहीं गर ना आ पाओ तुम कभी सामने। तुम्हारी यादों का साया साथ आज भी है।।
तेरा चेहरा आज भी नज़रों के सामने है। बस आँसुओ से कुछ धुंधला सा गया है।। तेरी खुशबु आज भी जहन में है। बस वक्त बीतने से कुछ धुंधला सी गई है।। तेरा प्यार आज भी दिल में है। बस ग़मों से कुछ धुंधला सा गया है।। तेरी याद आज भी धड़कनो में है। बस…
मेरा दिन भी, मेरी रात भी। मेरा रब भी, मेरी ईबादत भी। मेरा पुराण भी, मेरी कुरान भी। मेरा रास्ता भी, मेरी मंजिल भी। मेरा जख़्म भी, मेरी दवा भी। तुम ही हो, तुम ही तो हो।।
वक्त के थपेड़े सहे हैँ इतने। डर अब किसी और का नहीं।। सफर किये हैं बेमंज़िल इतने। खुशी अब मंजिल मिलने की नहीं।। चाहा था किसी को शिद्दत से इतना। चाहत अब किसी और की नहीं।। जिंदगी से लड़े हैं इतना। गम अब मौत का नही।।