मुहब्ब्त नही मिलती
माँगने से मुहब्ब्त नही मिलती, फरियाद करने से दुआ नही मिलती. याद करें क्यों उनको हम. जिनसे हमारी तकदीर नही बनती.
माँगने से मुहब्ब्त नही मिलती, फरियाद करने से दुआ नही मिलती. याद करें क्यों उनको हम. जिनसे हमारी तकदीर नही बनती.
तुम्हारे लबों की लाली , तुम्हारे गालों की सुर्खियां, तुम्हारे आँखों की नमी, तुम्हारे अश्कों की गर्माहट, तुम्हारी आवाज की लरज, कुछ भी तो नहीं बदला, बदला है तो सिर्फ… मेरे देखने का अंदाज़।।
सुखे दरख्त की गुमनाम छाँव सा। मेरी मुहब्बत का निशाँ बाकी आज भी है।। पुरानी किताब के पीले पन्नो सा। उसकी यादों का रंग मेरे वजूद पर आज भी है॥ बारिश से धुले कागज पर स्याही के निशाँ सा। उसका वो अक्स याद आज भी है॥ धुंध में लिपटे सुरज की गर्मी सा। उसकी साँसों…
मेरे आगोश में सिमट सी जाती है। नम पलकों से कुछ कह सी जाती है।। हौले हौले गीत जुदाई के गुनगुनाती है। हर रात मेरी तन्हाई दुल्हन सी सज जाती है।
भूल जाऊँ तुझे कैसे। जिंदगी के हर लम्हे में तेरी याद जो है।। याद न कर पाऊं तुझे कैसे। साँसों के हर कतरे में तेरा नाम जो है।। सफर अधूरा छोड़ जाऊं कैसे। मंजिल न सही, रास्ते का सहारा तू जो है।। ग़मों में खो जाऊँ कैसे। अंधेरों में भी तेरी तस्वीर की लौ जो…
वो उठती-गिरती पलकें तेरी, इनकी भाषा पढ़ न पाएं हम। प्रेम की मौन स्वीकृति तेरी, इसको समझ न पाएं हम।।
नज़रों से पिला दे साकी तो होश आ जाए। दीदार-ए-यार क्या हुआ, होश खो बैठे हम।।
तुमने हमें मुकम्मल न होने दिया। तुम्हारी यादो ने हमें अकेला न होने दिया।। फरियाद करें किससे इस भीड़ में। मुहब्बत ने किसी को होश में रहने ना दिया।।