यादों का साया
नदी के जिस किनारे मिले थे हम। दिल मेरा वहीं आज भी है।। गम नहीं गर ना आ पाओ तुम कभी सामने। तुम्हारी यादों का साया साथ आज भी है।।
नदी के जिस किनारे मिले थे हम। दिल मेरा वहीं आज भी है।। गम नहीं गर ना आ पाओ तुम कभी सामने। तुम्हारी यादों का साया साथ आज भी है।।
तेरा चेहरा आज भी नज़रों के सामने है। बस आँसुओ से कुछ धुंधला सा गया है।। तेरी खुशबु आज भी जहन में है। बस वक्त बीतने से कुछ धुंधला सी गई है।। तेरा प्यार आज भी दिल में है। बस ग़मों से कुछ धुंधला सा गया है।। तेरी याद आज भी धड़कनो में है। बस…
मेरा दिन भी, मेरी रात भी। मेरा रब भी, मेरी ईबादत भी। मेरा पुराण भी, मेरी कुरान भी। मेरा रास्ता भी, मेरी मंजिल भी। मेरा जख़्म भी, मेरी दवा भी। तुम ही हो, तुम ही तो हो।।
वक्त के थपेड़े सहे हैँ इतने। डर अब किसी और का नहीं।। सफर किये हैं बेमंज़िल इतने। खुशी अब मंजिल मिलने की नहीं।। चाहा था किसी को शिद्दत से इतना। चाहत अब किसी और की नहीं।। जिंदगी से लड़े हैं इतना। गम अब मौत का नही।।
तेरी नज़रो से छलकती मदिरा। रोक मत साकी मुझे आज पीने दे। तेरी साँसों की महकती खुशबु। रोक मत साकी आज मुझे मदहोश होने दे। भूल जाऊं ना उनकी याद तेरे आगोश में। रोक मत साकी आज मुझे दीवाना होने दे।
जब से मैंने खुदा से मौत की ख्वाहिश की है। मेरी तन्हाई भी मुझसे ख़फ़ा ख़फा सी रहती है। महबूब के बाद तन्हाई ही मेरी हमसफर थी। जाने अब मौत आने तलक उम्र गुज़रेगी कैसे।
देख कर हमें उन्होंने मुँह मोड़ लिया। हमारी आवारगी को नकाब में ढक लिया। देख कर उन्हें हमने भी मुँह मोड़ लिया। उनकी दीवानगी को दिल में लिख लिया।
ए जिंदगी यूं ना भुला देना हमें कि ये शाम फिर आएगी। हम हो ना हो, दिल में हमारी याद फिर आएगी। जनाज़े पे मेरे यूँ ना आँसू बहाना कि सब तुम्हे दीवाना कहें। हम रहे ना रहे, हवाओ से हमारी खुशबू फिर आएगी।