नशा

ना आवाज़ दो कोई कि मैं नशे में हूँ।ना साथ दो कोई कि मैं नशे में हूँ।नहीं चाहिए मय कि मैं नशे में हूँ।नहीं चाहिए प्यार कि मैं जुदाई के नशे में हूँ।

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डर

डर

अजब सा शोर है सब ओर, सांस लेने से भी डरता हूँ।ये रोशनी है कैसी, आँखें खोलने से भी डरता हूँ।।सफर है ये कैसा, मंजिल पहुँचने से भी डरता हूँ।बैठा हूँ दरख़्तों की छाँव में, अपने साये से भी डरता हुँ।।

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बोझ

बोझ

दरख़्तों की छाँव अब धूप सी लगती है।रास्ते की मिटटी पत्थर सी लगती है।।उनसे बिछड़ने की सज़ा है ये यारो।कि जिंदगी भी अब बोझ सी लगती है।।

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लबों की लाली

तुम्हारे लबों की लाली , तुम्हारे गालों की सुर्खियां, तुम्हारे आँखों की नमी, तुम्हारे अश्कों की गर्माहट, तुम्हारी आवाज की लरज, कुछ भी तो नहीं बदला, बदला है तो सिर्फ… मेरे देखने का अंदाज़।।

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बाकी आज भी है…

सुखे दरख्त की गुमनाम छाँव सा। मेरी मुहब्बत का निशाँ बाकी आज भी है।। पुरानी किताब के पीले पन्नो सा। उसकी यादों का रंग मेरे वजूद पर आज भी है॥ बारिश से धुले कागज पर स्याही के निशाँ सा। उसका वो अक्स याद आज भी है॥ धुंध में लिपटे सुरज की गर्मी सा। उसकी साँसों…

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बेवफा

दूरियां इतनी तो नहीं कि तुम्हे भूल जाऊँ। गम इतने तो नहीं कि हँसना भूल जाऊँ।। अब नज़रे उठती नहीं तेरे कूचे से गुजरते हुए। बेवफा इतना तो नहीं कि किसी और से प्यार कर पाऊँ।।

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भूल जाऊँ तुझे…

भूल जाऊँ तुझे कैसे। जिंदगी के हर लम्हे में तेरी याद जो है।। याद न कर पाऊं तुझे कैसे। साँसों के हर कतरे में तेरा नाम जो है।। सफर अधूरा छोड़ जाऊं कैसे। मंजिल न सही, रास्ते का सहारा तू जो है।। ग़मों में खो जाऊँ कैसे। अंधेरों में भी तेरी तस्वीर की लौ जो…

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