मुद्दा यह है... 1

मुद्दा यह है…

बिहार में लोगो ने कहा कि सड़क खराब है तो लालू जी ने कहा कि सड़कों को हेमा मालिनी के गालों की तरह चिकना कर देंगे। देश में लोगो ने कहा कि ट्रेनो की अवस्था खराब है तो मोदी जी ने कहा कि बुलेट ट्रेन चला देँगे। रेल मंत्रालय में चपरासी से लेकर बाबू तक…

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मृत्यु, एक शाश्वत सत्य…

मृत्यु, एक शाश्वत सत्य जिंदगी का। फिर क्यों डरते हो तुम इससे। ये तो नेमत है उस परवरदिगार की। प्यार है उसका। निमंत्रण है तुम्हारे लिए। मिलने का उससे, उससे एकीकार होने का। फिर भी डरते हो। कहते हो बहादुर खुद को। और उस के बुलावे को नकारते हो। ये कैसी फितरत है, ये कैसी…

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चैन न आया…

दिल के टुकड़े कई हुए, फिर भी चैन न आया। खाये धोखे कई बार, फिर भी चैन न आया। गिर गिर कर उठते रहे, उनसे मिलने की आस में तड़पते रहे। वो ना आये, उनकी याद ने ही दिल को करार दिलाया।

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इजहार कर न सका…

हीर तुम थी, रांझा मै बन न सका। शीरी तुम थी, फरहाद मै बन न सका। लैला तुम थी, मँजनू मै बन न सका। सोहनी तुम थी, महिवाल मै बन न सका। मुहब्बत तो की थी तुमसे, इजहार कर न सका। मर भी जाउँ गर तो क्या, तेरे प्यार में था, हूँ और रहूँगा।

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स्कूल की किताब में रखा एक गुलाब

वो मेरे स्कूल की किताब में रखा एक गुलाब। स्कूल की बगिया से, सबसे छुपाकर, तोड़ा था मैंने।। किसी को देकर ये गुलाब अपना बनाने की सोची थी। शायद बचपन का भोलापन था, दिल की नादानी थी।। किताबे बदल गई, स्कूल बदल गए, पुराने साथ छूटे, नए रिश्ते बने। आज न तो वो किताब है…

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तेरे लबो पर खेलती ये मुस्कान…

उफ्फ! तेरे लबो पर खेलती ये मुस्कान। गिरा देती है बिजलियां कई दिलो पर। ज़माना कहता है तुझको कातिल। लेकिन तेरी आँखों में तैरता समंदर कोई नहीं देखता।

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शाम भी वही थी…..

शाम भी वही थी, शहर भी वही था। बेकरारी भी वही थी, सुरूर भी वही था। आँखों में प्यार भी था, दिल में इंतज़ार भी था। फिर जाने क्या हुआ, नज़रे झुकी, कदम बहके। रास्ते बदल गए, ना जाने अजनबी क्यों हो गए हम। तुम्हारे लबो पे खामोशी, आँखों में तूफाँ सा क्यों है। मेरे…

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