पीने वाले

मदहोश है ये दुनिया न जाने क्यों, हम पीने वाले हमेशा होश में रहते हैं। भूल जाते है लोग मदहोशी में अपनो को, हम पीने वाले तो बेवफाई भी नहीं भूलते।।

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एक लम्हा 3

एक लम्हा

सांसो में मेरी बसे तुम। तुमको कैसे भुला पाऊँगा॥ जुदाई तुम्हारी सहते रहे अब तलक। लेकिन तुम्हारी यादों को कैसे मिटा पाऊँगा॥ मौत भी आ जाए मिलने मुझसे अगर। तुम्हारे दीदार को एक लम्हा माँग लाऊँगा॥

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White Beauty

आसमां से तारा टूटा

आसमां से तारा टूटा, दिल ने माँगी एक दुआ। दिल को क्या खबर, किसी ओर ने भी माँगी वैसी ही एक दुआ॥ मेरे दिल की दुआ में वो थे, उनकी दुआ में था कोई ओर। चाहा दिल ने मेरे उनको, उनके दिल में था कोई ओर॥ प्यार किया था मैने उनसे, उनको था प्यारा कोइ…

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मांझी 4

मांझी

सोचा था कि कयामत तक उनका साथ होगा, मोहब्बत के इस जहां में अपना भी एक आशियाँ होगा। लेकिन हमको मालुम ना था कि कोई साथ नही देता, बीच लहरों में मांझी भी छोड़ जाता है॥ ****** आदमी तो हम भी काम के थे, ख़ुद क़ो निकम्मा बना डाला। दुहाई देते थे हम वफा की,…

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हमसफर 5

हमसफर

उन्हे भुलाने की कोशिश में खुद को भुला बैठा। उनकी यादों को मिटाने की कोशिश में खुद को मिटा बैठा।। बिना उनके मेरा वजुद भी मेरा अपना नही रहा। लेकिन उनकी यादों का साया मेरा हमसफर बना रहा।।

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तेरे इश्क में फना 6

तेरे इश्क में फना

तेरे इश्क में फना हो जाता मै, गर उम्मीद का साथ न होता. अभी विरह की रात सही, मिलन की सहर का आगाज़ कभी तो होगा. बाँहों में अपनी तुझे समेट ना सका कभी तो क्या, तेरी मज़ार के पहलु में एक पत्थर मेरे नाम का तो होगा.

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Hijra ki Raate

ना कोई दोस्त ना कोई रकीब

इशक भी अज़ीब शै है, सिर पर चढ कर बोलता है। तन्हाई भरी रातों में दिल को टटोलता है।। मेरी हिज्र की ये रातें, काटे नही कटती उनकी याद में। अपनी कहानी किससे कहूँ, सबके दिल में एक शूल है।। ना कोई दोस्त ना कोई रकीब है, जिंदगी बडी अज़ीब है। गले उनको कैसे लगाऊँ,…

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Kayamat ki Aarjoo

कयामत की आरजू

कायनात मेरी रकीब तो नहीं। फिर मुझे कयामत की आरजू क्यों है।। मेरे नशेमन से उनकी रूखसत अब तलक याद है। आँखों में अश्क नहीं, फिर लबों पे मुस्कान क्यों है।। कयामत तक साथ रहने का, वादा उनका मुझे अब तलक याद है। क्यों कर बेवफा करार दूँ उन्हें, वो ना सही उनकी याद तो…

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Ashk Kyon Aaya

ए तन्हाई तुझे क्या हुआ

ए जमाने ना कर इतना रश्क किस्मत पे हमारी. मुहब्बत तो हमे वो इस जहाँ मे सबसे ज्यादा करते हैं. उसका नाम तन्हाई है, जिसे लोग हमारी महबूबा कहते हैं. हमे उनसे इतनी मोहब्बत हो गयी कि किस्मत को भी रश्क हो आया. ए तन्हाई तुझे क्या हुआ, मेरे प्यार को देख तेरी आँखों में…

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मेरी तन्हाई भी कभी तन्हा नही आई 7

मेरी तन्हाई भी कभी तन्हा नही आई

कभी उनकी खुशबु तो कभी उनकी यादें समेट लाई। मेरे पास तो मेरी तन्हाई भी कभी तन्हा नही आई॥ रात भर मेरे बिस्तर पर बारिश होती रही, तकिया भीगता रहा। मै अपनी तन्हाई को आगोश में समेटे लेटा रहा॥ सहमी हुई सी मेरी तन्हाई। अपनी मासुम सी ऑखों से मुझे देखती रही।। फिर चुपके से…

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