Women Empowerment or misuse of equality rights
Feel suffocated with women equality and empowerment seekers when i see ladies coach empty and ladies demanding to vacate seats in general coach of Delhi metro. Even if the general coach of a delhi metro is crowded the privileged species of mankind (read female) board it in search of a seat. And in crowd if…
तन्हाई का कारवाँ
ख़ुशियाँ हमें रास ना आई। हमारे लिये तो ग़मों का खज़ाना था॥ चल ना सके एक कदम किसी के साथ। हमारे लिए तो तन्हाई का कारवाँ था॥
आसमां से तारा टूटा
आसमां से तारा टूटा, दिल ने माँगी एक दुआ। दिल को क्या खबर, किसी ओर ने भी माँगी वैसी ही एक दुआ॥ मेरे दिल की दुआ में वो थे, उनकी दुआ में था कोई ओर। चाहा दिल ने मेरे उनको, उनके दिल में था कोई ओर॥ प्यार किया था मैने उनसे, उनको था प्यारा कोइ…
तेरे इश्क में फना
तेरे इश्क में फना हो जाता मै, गर उम्मीद का साथ न होता. अभी विरह की रात सही, मिलन की सहर का आगाज़ कभी तो होगा. बाँहों में अपनी तुझे समेट ना सका कभी तो क्या, तेरी मज़ार के पहलु में एक पत्थर मेरे नाम का तो होगा.
ना कोई दोस्त ना कोई रकीब
इशक भी अज़ीब शै है, सिर पर चढ कर बोलता है। तन्हाई भरी रातों में दिल को टटोलता है।। मेरी हिज्र की ये रातें, काटे नही कटती उनकी याद में। अपनी कहानी किससे कहूँ, सबके दिल में एक शूल है।। ना कोई दोस्त ना कोई रकीब है, जिंदगी बडी अज़ीब है। गले उनको कैसे लगाऊँ,…
कयामत की आरजू
कायनात मेरी रकीब तो नहीं। फिर मुझे कयामत की आरजू क्यों है।। मेरे नशेमन से उनकी रूखसत अब तलक याद है। आँखों में अश्क नहीं, फिर लबों पे मुस्कान क्यों है।। कयामत तक साथ रहने का, वादा उनका मुझे अब तलक याद है। क्यों कर बेवफा करार दूँ उन्हें, वो ना सही उनकी याद तो…
ए तन्हाई तुझे क्या हुआ
ए जमाने ना कर इतना रश्क किस्मत पे हमारी. मुहब्बत तो हमे वो इस जहाँ मे सबसे ज्यादा करते हैं. उसका नाम तन्हाई है, जिसे लोग हमारी महबूबा कहते हैं. हमे उनसे इतनी मोहब्बत हो गयी कि किस्मत को भी रश्क हो आया. ए तन्हाई तुझे क्या हुआ, मेरे प्यार को देख तेरी आँखों में…
मेरी तन्हाई भी कभी तन्हा नही आई
कभी उनकी खुशबु तो कभी उनकी यादें समेट लाई। मेरे पास तो मेरी तन्हाई भी कभी तन्हा नही आई॥ रात भर मेरे बिस्तर पर बारिश होती रही, तकिया भीगता रहा। मै अपनी तन्हाई को आगोश में समेटे लेटा रहा॥ सहमी हुई सी मेरी तन्हाई। अपनी मासुम सी ऑखों से मुझे देखती रही।। फिर चुपके से…