इजहार कर न सका…
हीर तुम थी, रांझा मै बन न सका। शीरी तुम थी, फरहाद मै बन न सका। लैला तुम थी, मँजनू मै बन न सका। सोहनी तुम थी, महिवाल मै बन न सका। मुहब्बत तो की थी तुमसे, इजहार कर न सका। मर भी जाउँ गर तो क्या, तेरे प्यार में था, हूँ और रहूँगा।
हीर तुम थी, रांझा मै बन न सका। शीरी तुम थी, फरहाद मै बन न सका। लैला तुम थी, मँजनू मै बन न सका। सोहनी तुम थी, महिवाल मै बन न सका। मुहब्बत तो की थी तुमसे, इजहार कर न सका। मर भी जाउँ गर तो क्या, तेरे प्यार में था, हूँ और रहूँगा।
वो मेरे स्कूल की किताब में रखा एक गुलाब। स्कूल की बगिया से, सबसे छुपाकर, तोड़ा था मैंने।। किसी को देकर ये गुलाब अपना बनाने की सोची थी। शायद बचपन का भोलापन था, दिल की नादानी थी।। किताबे बदल गई, स्कूल बदल गए, पुराने साथ छूटे, नए रिश्ते बने। आज न तो वो किताब है…
उफ्फ! तेरे लबो पर खेलती ये मुस्कान। गिरा देती है बिजलियां कई दिलो पर। ज़माना कहता है तुझको कातिल। लेकिन तेरी आँखों में तैरता समंदर कोई नहीं देखता।
शाम भी वही थी, शहर भी वही था। बेकरारी भी वही थी, सुरूर भी वही था। आँखों में प्यार भी था, दिल में इंतज़ार भी था। फिर जाने क्या हुआ, नज़रे झुकी, कदम बहके। रास्ते बदल गए, ना जाने अजनबी क्यों हो गए हम। तुम्हारे लबो पे खामोशी, आँखों में तूफाँ सा क्यों है। मेरे…
I feel suffocated with women equality and empowerment seekers when I see ladies coach empty and ladies demanding to vacate seats in general coach of Delhi metro. Even if the general coach of a Delhi metro is crowded, the privileged species of mankind (read female) board it in search of a seat. And in the…
ख़ुशियाँ हमें रास ना आई। हमारे लिये तो ग़मों का खज़ाना था॥ चल ना सके एक कदम किसी के साथ। हमारे लिए तो तन्हाई का कारवाँ था॥
आसमां से तारा टूटा, दिल ने माँगी एक दुआ। दिल को क्या खबर, किसी ओर ने भी माँगी वैसी ही एक दुआ॥ मेरे दिल की दुआ में वो थे, उनकी दुआ में था कोई ओर। चाहा दिल ने मेरे उनको, उनके दिल में था कोई ओर॥ प्यार किया था मैने उनसे, उनको था प्यारा कोइ…