कल हो न हो, ये पल

कल हो न हो, ये पल 1

वैसे तो यार – दोस्त काफी ईमेल एवं एस एम एस भेजते रहते हैं। कभी शेर-ओ-शायरी तो कभी जोक्स। सबके सब इनबाक्स मे आकर हजम हो जाते हैं।  लेकिन अभी अभी एक मित्र ने ऐसा जानकारी भरा एस एम एस भेजा है कि आप लोगो के साथ बाटे बिना नही रहा जा रहा है।

आने वाली सात तारीख यानी, सात अगस्त’09 को दिन के बारह बजकर चौंतीस मिनट छ्प्पन सैकेंड को टाईम और तारीख के रूप मे लिखा जाय तो कुछ ऐसे लिखेगें 12:34:56, 07-08-09। अब अगर इसमे से ‘:’, ‘-‘ एवं ‘0’ हटा दिया जाये तो बचेगा 123456789।

एसा पल शायद फिर इस जन्म मे ना आये।

8 thoughts on “कल हो न हो, ये पल

    1. ज्ञान जी, धन्यवाद की बात नही। हिंदी ब्लाग जगत की आप जैसी हस्ती मेरा पोस्ट ठेलन पढ रही है और अपनी टिप्पणी दे रही है, इससे बडी बात मेरे लिये कुछ नही। इसके लिये आपको साधुवाद।

  1. ेi like your logical thought. actually i have fond of reading books& Aha Jindagi is my Favurate book.

  2. ह्र प्ल य्हा जि ्भर जियो , जो हे स्मा क्ल हो न ््््हो्

  3. aha zindagi meri pasandida magzine h. ese padhne pr zindagi k saath ek judab mehsus hota h jo mujhe eske or karib le aata h me bhi es magzine ka ek hissa banna chahati hun muje bhi likhne ka shok h plz tell me that how can i connect with u.

    1. नेहा जी, मेरा या इस वेबसाईट का अहा जिंदगी पत्रिका से कोई लेना देना नही है. अहा जिंदगी पत्रिका दैनिक भास्कर समुह द्वारा प्रकाशित की जाती है. इस पत्रिका के वाबत आप उन्ही से सपंर्क करें.

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