थोड़ा ठहर जाओ ऐ सहर कि तन्हाई अभी बाकी है।। थोड़ा ठहर जाओ ऐ हवाओं कि फिज़ा में उनकी खुशबू अभी बाकी है।। थोड़ा ठहर जाओ ऐ बारिश कि आँखो में समंदर अभी बाकी है।। थोड़ा ठहर जाओ ऐ जिंदगी कि उनकी यादें अभी बाकी है।।
थोड़ा ठहर जाओ

थोड़ा ठहर जाओ ऐ सहर कि तन्हाई अभी बाकी है।। थोड़ा ठहर जाओ ऐ हवाओं कि फिज़ा में उनकी खुशबू अभी बाकी है।। थोड़ा ठहर जाओ ऐ बारिश कि आँखो में समंदर अभी बाकी है।। थोड़ा ठहर जाओ ऐ जिंदगी कि उनकी यादें अभी बाकी है।।