बिहार में लोगो ने कहा कि सड़क खराब है तो लालू जी ने कहा कि सड़कों को हेमा मालिनी के गालों की तरह चिकना कर देंगे। देश में लोगो ने कहा कि ट्रेनो की अवस्था खराब है तो मोदी जी… Continue Reading →
कभी मेरी आँखे उनके खुबसूरत चेहरे का दर्पण थी। अब उनके आँसुओ में मेरा पूरा अक्स दीखता है।
कदम बहकते थे हमारे। ज़माना हमें शराबी कहता था। गुम थे हम किसी के प्यार में। ज़माना हमें तनहा कहता था।
कभी उनके प्यार में नींद नहीं आती। कभी उनकी जुदाई में नींद नहीं आती। क्या जवाब दूँ इस जमाने को। जो पूछता है हमारी बेकरारी का सबब।
मृत्यु, एक शाश्वत सत्य जिंदगी का। फिर क्यों डरते हो तुम इससे। ये तो नेमत है उस परवरदिगार की। प्यार है उसका। निमंत्रण है तुम्हारे लिए। मिलने का उससे, उससे एकीकार होने का। फिर भी डरते हो। कहते हो बहादुर… Continue Reading →
दिल के टुकड़े कई हुए, फिर भी चैन न आया। खाये धोखे कई बार, फिर भी चैन न आया। गिर गिर कर उठते रहे, उनसे मिलने की आस में तड़पते रहे। वो ना आये, उनकी याद ने ही दिल को… Continue Reading →
हीर तुम थी, रांझा मै बन न सका। शीरी तुम थी, फरहाद मै बन न सका। लैला तुम थी, मँजनू मै बन न सका। सोहनी तुम थी, महिवाल मै बन न सका। मुहब्बत तो की थी तुमसे, इजहार कर न… Continue Reading →
वो मेरे स्कूल की किताब में रखा एक गुलाब। स्कूल की बगिया से, सबसे छुपाकर, तोड़ा था मैंने।। किसी को देकर ये गुलाब अपना बनाने की सोची थी। शायद बचपन का भोलापन था, दिल की नादानी थी।। किताबे बदल गई,… Continue Reading →
उफ्फ! तेरे लबो पर खेलती ये मुस्कान। गिरा देती है बिजलियां कई दिलो पर। ज़माना कहता है तुझको कातिल। लेकिन तेरी आँखों में तैरता समंदर कोई नहीं देखता।
तेरी आँखों की खामोशियाँ, तेरे लबो का सूनापन। मेरे दिल का तूफाँ, और कयामत का इंतज़ार।।
शाम भी वही थी, शहर भी वही था। बेकरारी भी वही थी, सुरूर भी वही था। आँखों में प्यार भी था, दिल में इंतज़ार भी था। फिर जाने क्या हुआ, नज़रे झुकी, कदम बहके। रास्ते बदल गए, ना जाने अजनबी… Continue Reading →
मदहोश है ये दुनिया न जाने क्यों, हम पीने वाले हमेशा होश में रहते हैं। भूल जाते है लोग मदहोशी में अपनो को, हम पीने वाले तो बेवफाई भी नहीं भूलते।।
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