काली घटा सी जुल्फ़े तेरी। समंदर से गहरी आँखें तेरी।। शहद से रसीले होंठ तेरे। कोयल की कूक सी बोली तेरी।। कस्तूरी सी खुशबु तेरी। अजंता की मूरत सी काया तेरी।। चकोर सा तेरे इंतजार में मैं। कही तुम कोई स्वप्न तो नही।।
स्वप्न

काली घटा सी जुल्फ़े तेरी। समंदर से गहरी आँखें तेरी।। शहद से रसीले होंठ तेरे। कोयल की कूक सी बोली तेरी।। कस्तूरी सी खुशबु तेरी। अजंता की मूरत सी काया तेरी।। चकोर सा तेरे इंतजार में मैं। कही तुम कोई स्वप्न तो नही।।