लबों की लाली

तुम्हारे लबों की लाली ,
तुम्हारे गालों की सुर्खियां,
तुम्हारे आँखों की नमी,
तुम्हारे अश्कों की गर्माहट,
तुम्हारी आवाज की लरज,
कुछ भी तो नहीं बदला,
बदला है तो सिर्फ…
मेरे देखने का अंदाज़।।

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