मेरे आगोश में सिमट सी जाती है।
नम पलकों से कुछ कह सी जाती है।।
हौले हौले गीत जुदाई के गुनगुनाती है।
हर रात मेरी तन्हाई दुल्हन सी सज जाती है।
मेरे आगोश में सिमट सी जाती है।
नम पलकों से कुछ कह सी जाती है।।
हौले हौले गीत जुदाई के गुनगुनाती है।
हर रात मेरी तन्हाई दुल्हन सी सज जाती है।
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