वैसे तो यार – दोस्त काफी ईमेल एवं एस एम एस भेजते रहते हैं। कभी शेर-ओ-शायरी तो कभी जोक्स। सबके सब इनबाक्स मे आकर हजम हो जाते हैं। लेकिन अभी अभी एक मित्र ने ऐसा जानकारी भरा एस एम एस भेजा है कि आप लोगो के साथ बाटे बिना नही रहा जा रहा है।
आने वाली सात तारीख यानी, सात अगस्त’09 को दिन के बारह बजकर चौंतीस मिनट छ्प्पन सैकेंड को टाईम और तारीख के रूप मे लिखा जाय तो कुछ ऐसे लिखेगें 12:34:56, 07-08-09। अब अगर इसमे से ‘:’, ‘-‘ एवं ‘0’ हटा दिया जाये तो बचेगा 123456789।
एसा पल शायद फिर इस जन्म मे ना आये।
July 24, 2009 at 17:28
सच में! बताने को धन्यवाद!
July 25, 2009 at 00:43
ज्ञान जी, धन्यवाद की बात नही। हिंदी ब्लाग जगत की आप जैसी हस्ती मेरा पोस्ट ठेलन पढ रही है और अपनी टिप्पणी दे रही है, इससे बडी बात मेरे लिये कुछ नही। इसके लिये आपको साधुवाद।
January 4, 2010 at 12:05
ेi like your logical thought. actually i have fond of reading books& Aha Jindagi is my Favurate book.
January 4, 2010 at 12:17
ह्र प्ल य्हा जि ्भर जियो , जो हे स्मा क्ल हो न ््््हो्
January 5, 2010 at 11:45
क्ाल क्रे सो आज कर आज क्रे स्ो अब
्
December 30, 2010 at 13:25
samay samay ki baat samay par tika sansar yahi eska mool arth hai
August 25, 2012 at 13:45
aha zindagi meri pasandida magzine h. ese padhne pr zindagi k saath ek judab mehsus hota h jo mujhe eske or karib le aata h me bhi es magzine ka ek hissa banna chahati hun muje bhi likhne ka shok h plz tell me that how can i connect with u.
September 13, 2012 at 23:29
नेहा जी, मेरा या इस वेबसाईट का अहा जिंदगी पत्रिका से कोई लेना देना नही है. अहा जिंदगी पत्रिका दैनिक भास्कर समुह द्वारा प्रकाशित की जाती है. इस पत्रिका के वाबत आप उन्ही से सपंर्क करें.