माँगने से मुहब्ब्त नही मिलती, फरियाद करने से दुआ नही मिलती. याद करें क्यों उनको हम. जिनसे हमारी तकदीर नही बनती.
बचपन में चाचा चौधरी, बिल्लु-पिंकी, पराग, नंदन, लोटपोट, मधु मुस्कान आदि पढ़ते पढ़ते एस सी बेदी कृत ‘राजन इकबाल’ सीरिज के बाल उपन्यास पढने शुरु किये थे. तभी से क्राइम, मर्डर, जासुसी उपन्यासों की ओर झुकाव हो गया. उस समय… Continue Reading →
तुम्हारे लबों की लाली , तुम्हारे गालों की सुर्खियां, तुम्हारे आँखों की नमी, तुम्हारे अश्कों की गर्माहट, तुम्हारी आवाज की लरज, कुछ भी तो नहीं बदला, बदला है तो सिर्फ… मेरे देखने का अंदाज़।।
गुनाहगार को इनाम, रिहाई से न दो। मेरी बेवफाई का सिला, प्यार से न दो।।
It’s OK to keep chanting Ahimsa Parmo Dharma, but it’s NOT OK to give two extra days life to few animals. It’s OK to call hanging of a terrorist ‘inhuman’ but it’s NOT OK to give two days extra life… Continue Reading →
बेवफा नहीं था, बेबस था। बेहोश नहीं था, दीवाना था।।
मोदी जी सारी योजना बंद कर दो। सिफ॔ सांसद भवन जैसी कैंटीन हर दस किलोमीटर पर खुलवा दो। 29 रूपये र्मे भर पेट खाना मिलेगा। सारे लफडे ख़त्म। 80% लोगो को घर चलाने का लफडा खतम। ना सिलेंडर लाना ना… Continue Reading →
मेरे आगोश में सिमट सी जाती है। नम पलकों से कुछ कह सी जाती है।। हौले हौले गीत जुदाई के गुनगुनाती है। हर रात मेरी तन्हाई दुल्हन सी सज जाती है।
दूरियां इतनी तो नहीं कि तुम्हे भूल जाऊँ। गम इतने तो नहीं कि हँसना भूल जाऊँ।। अब नज़रे उठती नहीं तेरे कूचे से गुजरते हुए। बेवफा इतना तो नहीं कि किसी और से प्यार कर पाऊँ।।
वो उठती-गिरती पलकें तेरी, इनकी भाषा पढ़ न पाएं हम। प्रेम की मौन स्वीकृति तेरी, इसको समझ न पाएं हम।।
ये पहली बारिश, और मिट्टी की सोंधी खुशबु।। जैसे हमारा पहला मिलन, और तेरे गजरे की मादक खुशबु।।
नज़रों से पिला दे साकी तो होश आ जाए। दीदार-ए-यार क्या हुआ, होश खो बैठे हम।।
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